Thursday 10 October 2013

कहां से आये हो? बालकनी (ऊपर) से, .....!

एक आदमी सिनेमा हॉल में तीन सीटों पर लेटा हुआ था। टिकट चेकर ने उसे देखकर कहा, अपनी सीट पर बैठो। एक आदमी केवल एक ही सीट पर बैठ सकता है। आदमी कुछ भिनभिनाया जो टिकटचेकर को सुनाई नहीं दिया, लेकिन वह उठा नहीं। टिकट चेकर ने फिर कहा, अगर तुम उठकर नहीं बैठोगे तो मुझे मैनेजर को बुलाना पड़ेगा। आदमी धीरे से फिर कुछ बुदबुदाया। टिकट चेकर मैनेजर को बुला लाया। मैनेजर ने भी उस आदमी से उठकर बैठने को कई बार कहा पर वह नहीं उठा। हारकर मैनेजर ने पुलिस को फोन किया। पुलिस वाले ने आकर स्थिति का निरीक्षण किया। फिर उस आदमी से पूछा, क्या नाम है तुम्हारा? राम सिंह आदमी ने पहले की अपेक्षा कुछ जोर से कहा। कहां से आये हो? बालकनी (ऊपर) से, उसने दर्द से कराहते हुये बताया।

Tuesday 6 August 2013

मुझे तो पार्टी परफोमेंस की चिंता थी।

उन्हें जब लगा कि आसंदी और दूरदर्शन कैमरों के समक्ष अन्य हल्लाबोलों के मध्य उनका हंगामा कुछ कमजोर पड़ रहा है तो वे वैल में सबसे आगे जाकर इतना चीखें कि मूर्छित होकर गिर पडे़। अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। दल के साथी उन्हें उठाकर कैंटीन ले गए तथ जूस पिलाकर कैसे हो, पूछते हुए कहा किसानों को लेकर इतना परेशान होने की क्या जरुरत थी। वे मुस्कुराए और बोले किसानों के लिए कौन परेशान होता है? मुझे तो पार्टी परफोमेंस की चिंता थी।

सोनू, मैं तेरी भाभी से बहुत परेशान हूँ, रोज सुबह शाम पैसे ही मांगती रहती है। मोनू, पर वो इतने पैसों का करती क्या है? सोनू, यह तो मालूम नहीं, क्योंकि मैंने उसे कभी पैसे दिए ही नहीं।

एक औरत बार-बार पति को डराने के लिए आत्महत्या की धमकी देती रहती थी। एक दिन आदमी ने कहा, मरना है तो मर जा, मैं भी थक गया हूँ तेरी इन गीदड़ धमकियों से। यह सुनते ही पत्नी घर की दूसरी मंजिल परचढ गई। पीछे से पति चिल्लाया अगर मरना ही है तो चौथी मंजिल पर जा।

Friday 19 July 2013

मैं खड़ा होकर ही परीक्षा दे लूंगा।

मालिक (नौकर से) जाओ कोई खाली रिक्शा ले आओ। नौकर (वापिस आकर) साहब जी, कोई खाली रिक्शा नहीं मिलता। हर रिक्शा पर कोई न कोई बैठा होता है।

बाप (बेटे से) बेटा दिल लगाकर पढा करो। बेटा, मगर आप तो ऐनक लगा कर पढते हैं।

टीचर ने शिष्य से कहा, अगर तुम कल फीस न लाए तो परीक्षा में नहीं बैठ सकोगे। शिष्य कोई बात नहीं सर, मैं खड़ा होकर ही परीक्षा दे लूंगा।

भटिण्डा रेलवे स्टेशन पर एक मुसाफिर ने टिकट खिड़की पर कहा, बाबू जी एक टिकट जालंधर का देना। टिकट बाबू भई गाड़ी तो चली गई है। मुसाफिर अच्छा तो जरा एक पोस्ट कार्ड जल्दी से दे दो। मैं घर पत्र लिख दूँ कि मेरी राह न देखें, मैं अगली गाड़ी से आऊगा।

भारत सेवक नगर का एक नाई बहुत ही बातूनी था। विनय मोहन जी उससे बाल कटवाने गए। नाई बात शुरु करने के लिए बोला, साहब बाल कैसे काटूं? विनय मोहन जी शान्त स्वर में बोले, खामोशी से।

Thursday 11 July 2013

आप यह मत समझो कि तुम ही मुझे प्यार करते हो, मैं भी आपसे बहुत प्यार करती हूँ।

एक उम्मीदवार टिकट लेने के लिए पार्टी दफ्तर की तरफ साइकिल लेकर भाग रहा था। रास्ते में उसके मित्र ने उसे कहा साइकिल लेकर भाग रहे हो, बैठते क्यों नहीं उस पर। उम्मीदवार मैं चुनाव की टिकट के लिए जा रहा हूँ, अभी बैठने का टाइम नहीं है।

एक बार एक यात्री को रेलवे वालों ने बिना टिकट सफर करते हुए पकड़ लिया। टिकट न लेने का कारण पूछा तो उस यात्री ने जवाब दिया सब कुछ तो जनता का है, मैं टिकट क्यों लूं। रेलवे के अधिकारी बोले फिर जेल भी जनता की है। चलो कुछ दिन अन्दर रह आओ।

एक कम्पनी मैनेजर की नौकरी के लिए विज्ञापन दिया और यह शर्त रखी कि प्रार्थी शादी-शुदा ही होना चाहिए। जब अखबार वालों ने पूछा कि आप शादी-शुदा प्रार्थी ही क्यों चाहते हैं। कम्पनी वालो ने समझाया कि शादी-शुदा आदमी बहुत ही आज्ञाकारी और समय के पाबन्द होते हैं।

एक बार एक पति ने गुस्से में अपनी पत्नी को चांटा मार दिया, लेकिन जल्दी ही अपनी गलती समझ में आ गई। पति पत्नी से तुम बुरा मत मानना मैंने यह चांटा तो प्यार से मारा है। अगले ही पल, पत्नी ने उल्टे हाथ से जोरदार थप्पड़ पति को जड़ किया और साथ ही बोली, आप यह मत समझो कि तुम ही मुझे प्यार करते हो, मैं भी आपसे बहुत प्यार करती हूँ।